जहां सिसकती राख चिता की वहीं ईद-दिवाली आज साथ मना लें। जहां सिसकती राख चिता की वहीं ईद-दिवाली आज साथ मना लें।
आज 23 मार्च है मैं कर रहा हूँ, दोस्तों शहीदों की बात है आज 23 मार्च है मैं कर रहा हूँ, दोस्तों शहीदों की बात है
मेरी देश की शान ना कभी कम हो, मिले गर वीर गति, न आँखे नम हों मेरी देश की शान ना कभी कम हो, मिले गर वीर गति, न आँखे नम हों
मत टूटने दे तेरे विश्वास को, मत बुझने दे उम्मीद की आस को, मत टूटने दे तेरे विश्वास को, मत बुझने दे उम्मीद की आस को,
लम्हों को शरारतों से सजाकर स्मृति की संदूक में भर ले कल झंझावतों से लड़ना है। लम्हों को शरारतों से सजाकर स्मृति की संदूक में भर ले कल झंझावतों से ...
ज़िन्दगी के हर पहलु को समझना मुश्किल है, किसी से उम्मीद रखना फ़िज़ूल है | ज़िन्दगी के हर पहलु को समझना मुश्किल है, किसी से उम्मीद रखना फ़िज़ूल है |